अक्सर आप सुनते होंगे की भारत के वामपंथी 1962 के युद्ध के समय चीन के समर्थन में खून जमा कर रहे थे, चीन के समर्थन में नारे लगा रहे थे, भारत की सड़कों पर चीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, ये बातें सुनकर कभी कभी आपको यकीन नहीं आता होगा की क्या सच में भारत के वामपंथी उस दौर में ऐसा कर रहे थे
पर आप यकीन मानिए ये पूरी तरह सच है, उस दौर में तो न ही इतनी मीडिया थी और सोशल मीडिया का तो नामोनिशान ही नहीं था, अभी इस दौर में साल 2020 में जब चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है तब वामपंथी खुलकर चीन के समर्थन में निकलने लगे है
इस देश में सबसे बड़ी वामपंथी पार्टी का नाम सीपीएम है और इस वामपंथी पार्टी का सरगना है सीताराम येचुरी, येचुरी सामने आकर कह रहा है की – चीन एक महान देश है और चीन का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है
येचुरी ये भी कह रहा है की दुनिया भर के वामपंथियों का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है और मैं चीन कई बार गया हूँ, साथ ही येचुरी ये भी कह रहा है की चीन के खिलाफ जो भी बातें कहीं जाती है वो बकवास है
आपको यकीन नहीं हो रहा तो खुद देखिये और सुनिए
Watch Chinese agent @sitaramyechury in full glory pic.twitter.com/YTLEPiSqc8
— iMac_too (@iMac_too) July 3, 2020
बिना किसी झिझक सीताराम येचुरी खुलकर चीन के समर्थन में अपनी राय रख रहा है, ये भी कह रहा है की चीन के खिलाफ जो भी आरोप लगाये जाते है वो तो पूरी तरह रबिश यानि बकवास है, साथ ही येचुरी चीन के समर्थन को अपना कर्तव्य भी बता रहा है
ये शख्स भारत में बैठकर इस दौर में भी खुलकर चीन का समर्थन कर रहा है, अब आप अंदाजा लगा लीजिये की 1962 में देश के वामपंथी किस तरह दलाली कर रहे होंगे