कोरोना वायरस का संक्रमण देश और दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। देश में हर दिन कोरोना के हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं। राहत की बात यह है कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं। पहले से उपलब्ध और पिछले कुछ महीनों में लॉन्च हुई दवाओं के जरिए कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं, दुनियाभर के 120 से ज्यादा वैक्सीन कैंडिडेट पर काम हो रहा है। भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस समेत कई देश इसकी वैक्सीन तैयार करने के करीब हैं। वैज्ञानिक और शोध संस्थान कोरोना को लेकर लगातार शोध में लगे हैं। अब एक शोध अध्ययन में कोरोना वायरस की एक कमजोरी सामने आई है।
स्वास्थ्य जगत से जुड़े शोधकर्ता और वैज्ञानिक कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन विकसित करने में लगे हुए हैं तो दूसरी ओर कोरोना वायरस के बारे में नई-नई चीजों को भी समझ रहे हैं। इसी कड़ी में रूसी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की कमजोरी पता करने में कामयाबी हासिल की है।
खबरों के मुताबिक, रूस के वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी की रिसर्च टीम ने, साइबेरिया में पता लगाया है कि कमरे के तापमान पर पानी तेजी से फैल रहे वायरस को रोकने में कारगर हो सकता है।
वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के शोध में पाया गया कि सामान्य पानीकोरोना वायरस को बढ़ने से रोक सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, 24 घंटे के अंतराल में कमरे के तापमान पर मौजूद पानी में कोरोना वायरस के 90 फीसदी कण नष्ट हो गए, अगले 72 घंटों में 99.9 फीसदी वायरस कण खत्म हो गए।
क्लोरीन युक्त पानी भी है असरदार
शोधकर्ताओं के मुताबिक, क्लोरीन वाला पानी भी कोरोना वायरस को मारने में कारगर है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस समुद्र के पानी में कुछ देर जिंदा जरूर रह सकता है, लेकिन बढ़ता नहीं है। क्लोरीन के पानी में भी यही बात लागू होती है। हालांकि कोरोना कितनी देर जिंदा रहेगा, यह पानी के तापमान पर भी निर्भर करता है।
उबलता हुआ पानी ज्यादा असरदार
रूस के शोधकर्ताओं ने बताया कि उबलते हुए पानी में कोरोना वायरस तुरंत मर जाता है। पूर्व के अध्ययनों में भी यह बात कही जा चुकी है कि कोरोना वायरस तापमान से प्रभावित होता है। रूस के इस शोध में कहा गया है कि खौलता पानी वायरस को तुरंत उबलता हुआ पानी वायरस को उसी वक्त और पूरी तरह से मार देता है।